शनिवार, 22 अगस्त 2020

प्रोटीन के लाभ और नुकसान ? इससे क्या समस्या उत्पन्न हो सकती है

प्रोटीन के लाभ और नुकसान

प्रोटीन के लाभ और नुकसान

प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की मरम्मत करना और निर्माण करना होता है। आवश्यकता की कुल कैलोरी 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आनी चाहिए। फिर भी प्रतिदिन प्रोटीन की कितनी मात्रा लेनी चाहिए यह व्यक्ति की उम्र, वजन और उसके रोज के कार्य पर निर्भर करता है। 1 ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी होती है। अगर कोई प्रतिदिन 2000 कैलोरी का सेवन करता है तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से आनी चाहिए।

वैसे तो प्रोटीन सेहत के लिए बेहद आवश्यक तत्व है लेकिन कई बार प्रोटीन की अनावश्यक खुराक शरीर को नुकसान भी पहुंचाती है। कुछ लोग तो प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोतों को अनदेखा करके दवाइयों और अन्य आर्टिफिशियल तत्वों से प्रोटीन की कमी को पूरा करने में लगे रहते हैं।


* प्रोटीन के स्त्रोत (Main Sources of Protein)


प्रोटीन खाद्य पदार्थों में बड़ी संख्या में मिलता है जैसे कि अंडा, मीट, मछली, सोयाबीन, दूध तथा दूध से बने उत्पाद आदि। साबुत अनाज और दालों में भी प्रोटीन होता है। राजमा, मूंग, अरहर दाल, काजू, बादाम, कद्दू के बीज, सीसम आदि में भी उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है। आइए जानें प्रोटीन के फायदे और नुकसान (Pros and cons of protein)

 

* प्रोटीन के फायदे (Benefits of Protein)



- भूख को नियंत्रित रखता है।

- तनाव को कम करता है।

- मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

- ऊतकों की मरम्मत होती है।

- वजन कम करने में सहायक।

- शरीर की कार्यप्रणाली को दुरूस्त रखता है।

- रोग प्रतिरोधक क्षमता शक्तिशाली होती है।

- बालों और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।

- हड्डियों, लिंगामेंट्स और दूसरे संयोजी ऊतकों को स्वस्थ रखने में सहायक।

- प्रोटीन से बाल, नाखुन, त्वचा, मांसपेशी, हड्डी और रक्तकोशिका बनती हैं।

- शरीर में पाए जाने वाले रसायनों, जैसे कि हार्मोन, न्यूरोट्रांसमीटर और एंजाइम में भी प्रोटीन है।


* प्रोटीन के नुकसान (Disadvantage of Protein)

प्रोटीन के लाभ और नुकसान
प्रोटीन के लाभ और नुकसान


- किडनी से संबंधित रोग।

- मूत्र में पीएच बैलेंस का बिगड़ना।

- किडनी की पथरी का खतरा।

- कुल कैलोरी का 30 प्रतिशत से अधिक सेवन नुकसानदायक।

- शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि एक विषैला पदार्थ है।

- अत्यधिक प्रोटीन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर हो सकता है।

- प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम हो जाता है जिससे शरीर को फाइबर कम मिलता है।

- प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म से निकलने वाले व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में शरीर को परेशानी होती है।


विटामिन और मिनरल के फायदे तथा नुकसान

विटामिन और मिनरल के फायदे तथा नुकसान
विटामिन और मिनरल के फायदे तथा नुकसान

विटामिन और मिनरल ऐसे पोषक तत्व हैं, जो शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ जरूरी होते हैं। अधिकतर विभिन्न तरह के भोजन और संतुलित भोजन करने पर विटामिन और मिनरल की पूर्ति हो जाती है।

विटामिन दो प्रकार के होते हैं, फैट सॉल्यूबल विटामिन (Fat Soluble Vitamin) और वाटर सॉल्यूबल विटामिन (Water Soluble Vitamin)। फैट सॉल्यूबल विटामिन ज्यादातर वसा में पाए जाते हैं। विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई तथा विटामिन के, फैट सॉल्यूबल विटामिन हैं। वाटर सॉल्यूबल विटामिन शरीर में जमा नहीं रहते इसलिए इन विटामिन को जल्दी जल्दी लेते रहना आवश्यक होता है। विटामिन सी, बी और फॉलिक एसिड वाटर सॉल्यूबल विटामिन हैं।

मिनरल तीन कारणों से बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। शारीरिक ढांचे और दांतों की मजबूती के लिए, शरीर में मौजूद फ्लड और बाहरी सेल्स को नियंत्रित करने के लिए तथा व्यक्ति द्वारा खाए जाने वाले भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए। मीट, दालें, मछली, दूध तथा सूखे मेवे आदि इनके मुख्य स्रोत हैं।

विटामिन और मिनरल के लाभ (Benefits of Vitamin and Minerals)


मेटाबॉलिज्म (Metabolism):- मेटाबॉलिज्म कई तरह की प्रक्रियाओं के जरिए भोजन को स्टोर करके उसके पोषक तत्वों को ऊर्जा के रूप में जलाता है। ऐसे में विटामिन और मिनरल पाचन और मेटाबॉलिज्म में बड़ा रोल अदा करते हैं। सभी बी विटामिन जैसे कि विटामिन बी 2 या राइबोफ्लोविन, विटामिन बी 6 और विटामिन बी 12, कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन और वसा के मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी होते हैं। मैग्नीशियम भी ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है।

हृदय को रखता है स्वस्थ (Keeps heart healthy):- रोजाना के भोजन से मिलने वाले विटामिन और मिनरल हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं। विटामिन ए, सी और ई के साथ ही बीटा केरोटीन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हृदय संबंधी बीमारियों से बचाते हैं। विटामिन बी 3 या नियासिन (niacin) कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर देता है।

स्वस्थ हड्डियों के लिए जरूरी (Necessary for healthy bones):- विटामिन और मिनरल हड्डियों के स्वास्थ्य और हड्डियों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी होते हैं। विटामिन और मिनरल ऑस्टोपोरोसिस जैसी बीमारी से बचाते हैं। विटामिन डी हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि विटामिन डी के कारण ही हड्डियां कैल्शियम ग्रहण कर पाती हैं। विटामिन के (Vitamin K) भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, यह कैल्शियम और विटामिन डी को सपोर्ट करने का कार्य करता है।

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विटामिन और मिनरल के नुकसान (Disadvantage of Vitamin and Minerals Suppliments)

विटामिन और मिनरल के लाभ के साथ ही कुछ नुकसान भी हैं। विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट (Vitamin and minerals Suppliments) लेने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद जरूरी है। विटामिन और मिनरल के कुछ तत्व ऐसे हैं जो यदि लंबे समय तक शरीर में रहें तो शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। विटामिन सी की 100 मिलीग्राम से ज्यादा मात्रा लेने पर पेट दर्द, डायरिया तथा अन्य पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। वहीं फॉस्फोरस से ऊतक और शरीर के कई अंगों को नुकसान होने की संभावना रहती है जबकि जिंक से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) पर असर पड़ता है। रोजाना 10 मिलीग्राम से ज्यादा विटामिन बी की मात्रा भी इतना नुकसान देती है कि व्यक्ति को लकवा (paralise) भी हो सकता है वहीं मैगनीज से बड़ी उम्र (old age) में मांसपेशियां प्रभावित हो जाती हैं।

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